नए प्रयोग से इस किसान को मिली कामयाबी, आज खेती से है लाखों की कमाई
हरियाणा के राजपाल सिंह खेत में तैयार फसल से उत्पाद तैयार कर उन्हें बाजार में बेच रहे हैं. जैविक उत्पाद होने के कारण उनके उत्पाद की काफी मांग रहती है. इस प्रयोग से राजपाल की कमाई में कई गुना इजाफा हुआ है.
हिसार के किसान राजपाल सिंह गेहूं की जगह आटा और सरसों की जगह उसका तेल बेचकर खेती-किसानी से ही अच्छी कमाई कर रहे हैं (फोटो-Zeebiz)
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हिसार के किसान राजपाल सिंह गेहूं की जगह आटा और सरसों की जगह उसका तेल बेचकर खेती-किसानी से ही अच्छी कमाई कर रहे हैं (फोटो-Zeebiz)
राजपाल सिंह श्योरण एक प्रगतिशील किसान हैं. वह हमेशा अपने खेतों में कुछ न कुछ नया प्रयोग करते रहते हैं. राजपाल सिंह जैविक खेती करते हैं और उन्होंने खेती को एक उद्योग की तरह अपनाया तथा खुद को किसान न मानकर एक उद्योगपति की तरह काम किया. इसका नतीजा यह रहा कि आज राजपाल सिंह पूरे हरियाणा में एक कामयाब किसान के रूप में जाने जाते हैं. उनके खेतों में उगे अनाज की मांग तेजी से बढ़ रही है. वे अब खुद की बेकरी बनाकर मोटे अनाज के बिस्कुट बना रहे हैं. खेती में नए-नए प्रयोगों से राजपाल सिंह की कमाई भी तेजी से बढ़ रही है. आलम ये है कि आसपास के किसान भी राजपाल के पास आकर खेती से मोटा मुनाफा कमाने के गुर सीखकर जाते हैं.
हरियाणा के हिसार जिले में एक गांव है कोथकलां. राजपाल सिंह कौथकलां के रहने वाले हैं. खेतों केमिकलों के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ उन्होंने मुहिम चलाई हुई है. उनका मानना है कि इनसान कुदरत के साथ खिलवाड़ कर रहा है, जिसकी कीमत उसे चुकानी होगी.
राजपाल ने तीन दशक पहले जैविक खेती की मुहिम शुरू की थी. उन्होंने नौगांवा जैविक खेती नाम से एक ग्रुप बनाया है. इस ग्रुप में लगभग 90 किसान जुड़े हुए हैं और सभी किसान जैविक खेती करते हैं. अपने निजी उत्पादों के लिए उन्होंने श्योरण जैविक फार्म नाम से एक संस्था का भी रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है.
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खेती को बनाया उद्योग
राजपाल बताते हैं कि परंपरागत तरीके से खेती करने पर खेत से इतना ही पैदा होता पाता, जिससे किसान अपने परिवार का पेट पाल सके. न तो भविष्य के बारे में सोच सकता है और न ही कुछ जमा कर सकता है. इसके लिए किसानों को खेती का तरीका बदलना होगा. एक कारोबारी की तरह सोचना होगा और खेती को एक कारोबार की तरह करना होगा, तभी कोई किसान खेती से मुनाफा कमा सकता है.
जैविक उत्पादों की मांग
राजपाल सिंह जैविक तरीके से गन्ना उगाते हैं और उसका गुड़ तैयार करते हैं. उनका बनाया हुआ गुड़ 150 रुपये किलोग्राम तक बिकता है, जबकि आम गुड़ 50-60 रुपये किलोग्राम बिकता है. इस बार सरसों की फसल अच्छी हुई है. वह जैविक सरसों का तेल बाजार में उतार रहे हैं. जैविक सरसों के तेल की कीमत 210 रुपये प्रति लीटर तय की है. सामान्य तेल 100 रुपये लीटर बिक रहा है. खास बात ये है कि दोगुनी कीमत का होने के बाद भी उनके तेल की एडवांस बुकिंग होने लगी है.
तेल के साथ वह जैविक गेहूं से तैयार आटा बाजार में ला रहे हैं. राजपाल बताते हैं कि कोई भी उत्पाद और उसकी कीमत पूरे ग्रुप के किसान बैठकर तय करते हैं.
जौ और बाजरे के बिस्किट
राजपाल सिंह ने दो साल पहले घर में ही बिस्किट बनाने शुरू किए हैं. ये जौ, बाजरा, शहद तथा अन्य मोटे अनाज को मिलाकर बिस्किट तैयार करते हैं. ये अनाज भी जैविक होते हैं. अब इन बिस्किटों के मांग भी तेजी से बढ़ने लगी है. अभी 25-30 किलो बिस्किट रोजाना तैयार हो रहे हैं. बिस्किट की बिक्री के लिए उन्होंने सभी जरूरी कागजी कार्रवाई भी पूरी कर ली है. बस जरूरत है तो अपने इस प्रोडेक्ट को कोई नाम देने की. बिस्किट की कीमत 400 रुपये किलो तय की गई है.
कमाई बढ़ाने के मंत्र
आज राजपाल सिंह जैविक खेती और अपने जौ के बिस्कुट के लिए पूरे हरियाणा में जाने जाते हैं. वे अन्य किसानों को भी जैविक खेती की तकनीक बताते हैं. वह बताते हैं कि देश का हर किसान खेती करने की तकनीक जानता है, बस जरूरत है उसमें प्रोफेशनल सोच को शामिल करने की. किसान अपने उत्पाद में कभी जमीन की कीमत और अपनी मेहनत को शामिल नहीं करता है. इसलिए उत्पाद से होने वाले नफे-नुकसान का सही आकलन नहीं लगा पता है.
04:44 PM IST